परिचय

भारत सरकार ने उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में वृद्धि सुनिश्चित करने और लोगों के बौद्धिक विकास के लिए उच्चशिक्षा और अनुसंधान के अवसरों को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ (एससीयू) की स्थापना की है। ये विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय उच्चशिक्षा और अनुसंधान के अवसरों को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है।

केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग से जुड़ा एक विधेयक लोकसभा में अगस्त, 2021 में पारित किया गया था, जिसमें लेह, कारगिल और उससे आगे लद्दाख के पूरे केंद्रशासित प्रदेश को शामिल किया गया था। इसे पहले जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा गया था, क्योंकि यह राज्य के दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित था। 2009 में ‘केंद्रीयविश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, को 2021’ के रूप में संशोधित किया गया था और इसमें ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ (एससीयू) की स्थापना शामिल थी, जिसका क्षेत्रीय अधिकार पूरे केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के क्षेत्र तक फैला हुआ था।

सिंधु केन्द्रीय विश्वविद्यालय समग्र और बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और अनुसंधान – आधारित मास्टर कार्यक्रमों की शुरूआत करने वाले अभिनव कार्यक्रमों की अवधारणा करेगा। विश्वविद्यालय एनईपी 2020 और यूजीसी दिशा निर्देशों के अनुरूप ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) पाठ्यक्रमों के प्रावधानों को भी विकसित करेगा, जिसमें बहु – प्रवेश / निकास विकल्प और अकादमिक क्रेडिट बैंक में क्रेडिट का संचय होगा।

शिक्षा के नए और उभरते रुझानों में भौगोलिक जरूरतों और उच्च शिक्षा की मांगों को पूरा करने के लिए सिंधु केन्द्रीय विश्वविद्यालय, एक अनूठा विश्वविद्यालय है।

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों के विजन, मिशन और उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए उत्कृष्टता, गुणवत्ता और प्रासंगिकता प्राप्त करने में आई आई टी मद्रास एवं आई आई टी कानपुर द्वारा सलाह दी जाएगी।